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ध्यानमग्र शुचि शान्त शिव / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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(राग देश-तीन ताल)

ध्यानमग्र शुचि शान्त शिव जटा-मुकुट सुविशाल।
 चन्द्रमौलि अहि-‌अक्ष-गल-माल त्रिपुण्ड सुभाल॥
 शंकर शुभ कल्याणमय सकल सुमंगल-मूल।
 भक्ति विमल दो दयामय! रहो सदा अनुकूल॥