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नव सृजन करता रहा तन्हाइयों के बीच में / अजय अज्ञात

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नव सृजन करता रहा तन्हाइयों के दरमियाँ
हौसला छोड़ा नहीं कठिनाइयों के दरमियाँ

देखते ही देखते तूफान इक ऐसा उठा
कश्तियाँ जाती रही गहराइयों के दरमियाँ

आज़माने के लिए तक़दीर को हम भी सनम
हो गए शामिल तिरे शैदाइयों के दरमियाँ

काट कर मेरे परों को ये कहा सैयाद ने
अब ज़रा उड़ कर दिखा ऊंचाइयों के दरमियां

है बुजुर्गों की दुआओं का असर शायद ‘अजय'
आ गई है ज़िंदगी रा'नाइयों के दरमियाँ