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नीति होय चेम्बर चालाकी होय चर्चिल सी / नाथ कवि
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नीति होय चेम्बर चालाकी होय चर्चिल सी,
हठ होय हिटलर सौ वीर ताहि मानिये।
मित्र हो अमेरिका सौ लोभी हो न इटली सौ,
क्रूरता जापान सी न दिल बीच आनिये।
रूस सौ हो स्वारथी जहाँन बीच जोपै ‘नाथ’,
ऐसे गुण होंय ताहि बादशाह जानिये॥