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न जाने कैसा मौसम हो दुशाला ले लिया जाये / मुनव्वर राना
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न जाने कैसा मौसम हो दुशाला ले लिया जाये
उजाला मिल रहा है तो उजाला ले लिया जाये
चलो कुछ देर बैठें दोस्तों में ग़म जरूरी है
ग़ज़ल के वास्ते थोड़ा मसाला ले लिया जाये
बड़ी होने लगी हैं मूरतें आँगन में मिट्टी की
बहुत-से काम बाक़ी हैं सँभाला ले लिया जाये
सुना है इन दिनों बाज़ार में हर चीज़ मिलती है
किसी नक़्क़ाद से कोई मकाला ले लिया जाये
नुमाइश में जब आये हैं तो कुछ लेना ज़रूरी है
चलो कोई मुहब्बत करने वाला ले लिया जाये