भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पखाने पर मक्खियाँ / निकानोर पार्रा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: निकानोर पार्रा  » पखाने पर मक्खियाँ

पखाने पर मक्खियाँ


इन कृपालु सज्जन से - पर्यटक से - क्रांतिकारी से
करना चाहता हूँ एक सवाल :
क्या देखी है कभी आपने मक्खियों की एक सेना
पखाने के ढेर पर चक्कर लगाती
उतरती फिर काम को जाती पखाने पर ?
क्या देखी हैं आपने पखाने पर मक्खियाँ आज तक कभी ?


क्योंकि मैं पैदा और बड़ा हुआ
पखाने से घिरे घर में मक्खियों के साथ.

  • *

अनुवाद मनोज पटेल