(राग ईमनकल्याण-ताल त्रिताल)
पूर्णब्रह्मा परात्पर राम। दिव्य रसामृत सागर राम॥
आनँद अवतारी श्रीराम। स्वेच्छा-लीलाकारी राम॥
अज-अव्यय सर्वेश्वर राम। चिदानन्द सत्् वपु वर राम॥
धृत कर वर धनु सायक राम। हतवैरी-गतिदायक राम॥
सुर-पूजित सुर-नायक राम। विश्व अनन्त विधायक राम॥
सर्वातीत सर्वमय राम। गुणविरहित सद्गुणमय राम॥
नित शरणागतरक्षक राम। दुरित दोष-दुःख-भक्षक राम॥
गो-ब्राह्माणप्रतिपालक राम। असुर-दैत्यकुञ्ल-घालक राम॥