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प्यारी-पग काँटौ चुयौ / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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प्यारी-पग काँटौ चुयौ, निकसी मुख सिसकार।
सुनि बेसुध दौरे तुरत, अति सुध रहे निकार॥