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प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं
Kavita Kosh से
प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं
फूल जिस तरह बहारों से बात करते हैं
कुछ तो है और भी इन ख़ाक के पुतलों में ज़रूर
होके जुगनू भी सितारों से बात करते हैं
हम जिसे अपना समझ लें वो कोई और ही है
यों तो करने को हज़ारों से बात करते हैं
अब ये छोटा-सा सफ़र ख़त्म हुआ ही समझें
बुलबुले उठ के किनारों से बात करते हैं
दो घड़ी आपकी नज़रों पे चढ़ गए थे गुलाब
रात भर चाँद-सितारों से बात करते हैं