प्यार को हम न कोई नाम दिया चाहते हैं
बस उन्हें एक नज़र देख लिया चाहते हैं
एक प्याले के लिए कौन तड़पता इतना!
ज़िन्दगी हम तेरी हर साँस पिया चाहते हैं
और तड़पायेंगी यादें हमें इन ख़ुशियों की
आप क्यों हम पे ये एहसान किया चाहते हैं!
जिनको कस्तूरी के हिरणों-सी है ख़ुशबू की तलाश
दो घड़ी हम उन्हीं आँखों में जिया चाहते हैं
वह जो तुमको कभी हँसते हुए मिलते थे गुलाब
आज रो-रोके, सुना, जान दिया चाहते हैं