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प्रथमहिं राखी मूँछ अरजुन से भारती नें / नाथ कवि

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प्रथमहिं राखी मूँछ अरजुन से भारती नें।
देश विषय झेले बन कष्ट हू महान हैं॥

पृथ्वीराज मूँछ ऐसी राखी हिन्दवासिन की।
देश की स्वतंत्रता पै कीन्हौ बलिदान है॥

राणा जू प्रताप शिवा गोविन्द ने राखी मूँछ।
लीनी आजादी मार दुश्मन........हैं॥

आधी मूँछ राय ..........‘नाथ’।
मूँछ ये नहीं ........निशान है॥