भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रथम पोलैन्ड में प्रचन्ड है मचायौ युद्ध / नाथ कवि

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रथम पोलैन्ड में प्रचन्ड है मचायौ युद्ध,
कर भय भीत बिश्ब ताकत जमा की है।
फ्रांसहु पै जीत की पताका फहराय दीनी,
धुरी-2 कीनी लीनी सुधहुँ रसा की है॥
टैंक तारपीडो तोप बम बरसाय चुकौ,
चूकौ नहीं ‘नाथ’ बात साथ वीरता की है।
जल थल गगन त्रिलोक में मचाई धूम,
गैस के प्रयोग की लड़ाई त हूँ बाकी है॥