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फर फर फर फर लहराया / दयाचंद मायना
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फर फर फर फर लहराया, रंग तिरंगा ल्याया
आया आया हे खद्दर के बाणे आला
खासदयाचन्द सांगी मायने आला...टेक
परखो रुपए खरे चांदी के, मीठे बोल आम आन्धी के
जवाहर लाल और श्री गांधी के, छन्द रचाने आला...
रांग रंगीला चरखा घड्या खाती नै
न्याय चुकाया सही पंच्याती नै
पिछड़े हुए वर्ग जाति नै, आगै ल्याणे आला...
गाणा बजाणा हो सै भीत रेता की
मूर्ख का कुछ ना बिगड़ै मर चेता की
बोस बंगाली श्री नेता की, कथा सुणाणे आला...
झलसे मैं जाणा जल्दी लेट होवै क्यांे
घर आई नागण नै पूजै, बांबी टोह्वै क्यों
जल्दी चाल टेम खोवै क्यूं, वक्त रकाने आला...