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बारिश : चार / इंदुशेखर तत्पुरुष
Kavita Kosh से
थम चुकी
घनघोर बारिश
भीगता रहा पेड़
फिर भी देर तक
अपनी ही मौज में।
पत्ते-पत्ते से टपकता रहा
पानी रात भर।