बेटियों को दीजिए सम्मान / आनन्द बल्लभ 'अमिय'
बेटियों को दीजिए सम्मान बेटों की तरह सब
देखिएगा एक दिन ये नाम रोशन ही करेंगी।
पुत्र यदि कुलदीप है तो रोशनी पुत्री से होती।
दो कुलों का मान रख दोनों कुलों का कष्ट हरती।
अन्नपूरण या कहें लक्ष्मी बहुत पर्याय इनके
पुत्रियाँ दुष्काल में भी पेट पोषन ही करेंगी।
देखिएगा एक दिन ये नाम रोशन ही करेंगी।
पुत्र तो स्कूल जाता बेटियाँ क्योंकर न जायें।
क्यों मनुज इन रूढ़िवादी नीति पर फूले समाये।
समदरश की पोथियाँ फाड़ी जलायी राख कर दी
देख लेना एक दिन ये आग शोषन ही करेगी।
देखिएगा एक दिन ये नाम रोशन ही करेंगी।
पुत्र की यों कामना में गर्भ में मत मार बेटी।
पुत्र से संस्कार अन्तिम, स्वर्ग की है द्वार बेटी।
बेटियों को पूजकर निज भाग्य का वटवृक्ष सीचों
पुत्रियाँ उपवन में लाखों पुष्प ही रोपन करेंगी।
देखिएगा एक दिन ये नाम रोशन ही करेंगी।
बेटियों को दीजिए सम्मान बेटों की तरह सब
देखिएगा एक दिन ये नाम रोशन ही करेंगी।