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बेबस हूँ मैं मजबूर हूँ अल्ला मेरे आगे / संजय चतुर्वेदी
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ग़ुंडा मेरे पीछे है लफ़ंगा मेरे आगे
हो जाएगा इब्लीस को सकता मेरे आगे
बच्चे जदीद हो के ज़बरदस्त हो गए
रख देता है ख़रगोश तमंचा मेरे आगे
इक रोज़ यहाँ दूध में डूबे गणेश जी
तारीख़ ने फेंका है शगूफ़ा मेरे आगे
बारिश के बाद बाढ़ तबाही ख़ुशी के बाद
बेबस हूँ मैं मजबूर है अल्ला मेरे आगे
कितनों के नाम नामशुमारी में खो गए
कितनों को मिला देशनिकाला मेरे आगे
तकलीफ़ में इन्सान का चेहरा मेरे आगे
मुझको किसी ने ग़ौर से देखा मेरे आगे
(1995)