Last modified on 23 अगस्त 2017, at 17:01

बैठ करके मौत की या तो प्रतीक्षा कीजिए / डी. एम. मिश्र

बैठ करके मौत की या तो प्रतीक्षा कीजिए
या निकल कर फ़ैसला ख़ुद हाथ में ले लीजिए।

आप हैं आतंक के पूरे शिकंजे में कसे
ज़िंदगी जीना है तो अपनी सुरक्षा कीजिए।

ये पुलिस केवल दिखावे भर की यारो चीज है
अब तो अपने बाहुबल पर ही भरोसा कीजिए।

उम्र लग जाती हैं लेकिन फै़सला होता नहीं
आप दीवानी कचेहरी का सहारा छोड़िये।

आप मर जायेंगे भूखे रास्ता लंबा बड़ा है
शर्त जीने की यही है आप जीना सीखिये।

देखियेगा रास्ते पर लोग खुद आ जांयेगे
दुर्व्यवस्था ख़त्म हो तरकीब कोई सोचिये।