भले भाल पै बिन्दु सिन्दूर सोहै,
लखे जाहिके कोटि कन्दर्प मोहै।
घन श्याम से ह्याँ घनश्याम राजैं,
इतै दामिनी हूँ तिया देख लाजैं॥
भले भाल पै बिन्दु सिन्दूर सोहै,
लखे जाहिके कोटि कन्दर्प मोहै।
घन श्याम से ह्याँ घनश्याम राजैं,
इतै दामिनी हूँ तिया देख लाजैं॥