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भारत के चारों ओर फैल रहौ हाहाकार / नाथ कवि

भारत के चारों ओर फैल रहौ हाहाकार।
जाओ निज देश तनातनी बढ़ जायेगी॥
झूठे वायदों से ये न माने कभी नेतागण।
कर दो आजाद सिर्फ बात रह जायेगी॥
‘नाथ’ कहै अब ना सहेंगे जुल्म जालिमों का।
पाकिस्तान योजना भी दफना दी जायेगी॥
होवेगा स्वतंत्र देश बोलो ‘जय-हिन्द सभी।
मिसन मशीन की कसौटी कस जायेगी॥