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मथुरा में सानन्द पधारे / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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(राग दुर्गा-तीन ताल)
मथुरामें सानन्द पधारे श्रीबलराम और घनश्याम।
परम मनोहर, परम शक्तिञ्धर, तेज-पुञ्ज दोनों अभिराम॥
पहुँचे कंस-धनुषशालामें नेत्र-चिाहर सहज अकाम।
अनायास हैं तोड़ रहे अति विकट धनुष हरि शोभा-धाम॥