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मुकाबला / प्रताप सहगल
Kavita Kosh से
मेरे घर
एक जोड़ा
चिड़िया का
आता है रोज़
मुंह में तिनका दबाए।
तिनका-तिनका
बड़ी कारीगरी से
बनता है घोंसला
मैं उसे गिराता हूं
जोड़ा चहचहाता है
मैं उसे उड़ाता हूं।
यह क्रम कई दिनों से जारी है
परेशान हो/खिड़की से बाहर झांकता हूं
सड़कों पर दरिन्दे घूमते नज़र आते हैं
दरिन्दे सड़कों पर हैं
मैं घर में बैठा डर रहा हूं
दरिन्दे सड़कों पर हैं
मैं घर में बैठा
एक जोड़ा चिड़िया से लड़ रहा हूं।