भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेहरबाँ आज मुझ पर हुआ कौन है / 'महताब' हैदर नक़वी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेहरबाँ आज मुझ पर हुआ कौन है
तू नहीं है तो फिर ये बता कौन है
 
अब भी बेदार1 है मेरा शहर-ए-हवस2
दिल बियाबाँन मे बोलता कौन है
 
सब हिकायत-ए-माज़ी3 भुला दी गयी
तेरे ग़म को मगर भूलता है कौन
 
उसकी सूरत की तमसील4 मुमकिनन नहीं
मौज-ए-आब-ए-रवाँ5 आईना कौन है
 
गा रहा है कोई तायर-ए-ख़ुशबयाँ6
सब भले हैं यहाँ पर, बुरा कौन है
 
ग़म न कर जिसको जाना है, जायेगा वो
दिल-जहाँ में हमेशा रहा कौन है
 
वो भी ख़ामोश हैं, मैं भी ख़ामोश हूँ
दरमियाँ आज फिर आ गया कौन है

1-जगा हुआ 2-लालसा का नगर 3-अतीत की कथायें 4-उपमा 6बहते हुए पानी की लहरें 6-मृदु भाषी पक्षी