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'महताब' हैदर नक़वी
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'महताब' हैदर नक़वी
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जन्म | 1955 |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
शब आहंग, मावरा-ए-सुखन | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'महताब' हैदर नक़वी / परिचय |
ग़ज़लें
- जो हमने ख़्वाब देखे हैं दौलत उसी की है / 'महताब' हैदर नक़वी
- बाब-ए-रहमत के मीनारे की तरफ़ देखते हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- याद महल के वीराने में बाक़ी भी अब क्या होगा / 'महताब' हैदर नक़वी
- ज़मीं का ख़ौफ़ न डर आसमान का होता / 'महताब' हैदर नक़वी
- किसी घर में,न माह-ओ-साल में, मौसम में रहते हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- उसे सुनायें कि खुद ही सुने तराना-ए-दिल / 'महताब' हैदर नक़वी
- जब भी उससे हाल-ए-दिल कह आये हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- अपनी आँखों से तेरा चेहरा हमेशा देखूँ / 'महताब' हैदर नक़वी
- मालूम है तारीकी-ए-शब कम नहीं होगी / 'महताब' हैदर नक़वी
- ये ज़मीं वो आसमाँ ऐसा न था / 'महताब' हैदर नक़वी
- मिसाल-ए-सेहरा उदास आँखें / 'महताब' हैदर नक़वी
- देखना हो तो बुलन्दी पे पहुँच कर देखो / 'महताब' हैदर नक़वी
- कस-ओ-नाकस हैं दस्त-ओ-तलब के आगे / 'महताब' हैदर नक़वी
- आईना भी अब देख के हैराँ नहीं होते / 'महताब' हैदर नक़वी
- तुझसे मिल बैठें तेरा सौदा करें / 'महताब' हैदर नक़वी
- यूँ कारे जहाँ से कभी फुरसत नहीं होगी / 'महताब' हैदर नक़वी
- एक तूफान का सामान बनी है कोई चीज़ / 'महताब' हैदर नक़वी
- हम भला कैसे ख़ुद अपना ही निशाँ ढूढें बताओ / 'महताब' हैदर नक़वी
- उल्फ़त में तमन्नाओं का सौदा नहीं करते / 'महताब' हैदर नक़वी
- हिज्र की मंज़िल हमें अब तक पसन्द आयी नहीं / 'महताब' हैदर नक़वी
- न इस गली में न उस रहग़ुज़र में देखते हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- आओ ये खामोशी तोड़ें आईने से बात करें / 'महताब' हैदर नक़वी
- नशे में सफ़र के ऐसा हाल हो गया / 'महताब' हैदर नक़वी
- और होना है अभी बेसर-ओ-सामाँ कितना / 'महताब' हैदर नक़वी
- दश्त में बैठ के घर देखते हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- धूप की वादी में अपनी कौन सा मंज़र नहीं / 'महताब' हैदर नक़वी
- हम सफ़र के वास्ते पूरी तरह तैयार थे / 'महताब' हैदर नक़वी
- अगर कोई ख़ालिश-ए-जाविदाँ सलामत है / 'महताब' हैदर नक़वी
- ये मंज़र देख के हमको परेशानी नहीं होती / 'महताब' हैदर नक़वी
- तमाम मरहले उस नाम से हैं सर होना / 'महताब' हैदर नक़वी
- इक रोज़ बिछड़ जायेंगे दिन सूरजों वाले / 'महताब' हैदर नक़वी
- एक पल में दम-ए-ग़ुफ़्तार से लब तर हो जाए / 'महताब' हैदर नक़वी
- हौसला इतना अभी यार नहीं कर पाये / 'महताब' हैदर नक़वी
- बस एक दर पे नज़र आके रुक गयी क्यों है / 'महताब' हैदर नक़वी
- दिल के बहलाने को सामाँ चाहिए / 'महताब' हैदर नक़वी
- महव-ए-नज़्ज़ारा-ए-हैरत है हवा पहली बार / 'महताब' हैदर नक़वी
- ख़ुदा को जितना वो जमा करता है / 'महताब' हैदर नक़वी
- रंग में डूबी हुई, खुशबू भरी लगती है धूप / 'महताब' हैदर नक़वी
- उस बज़्म के आदाब से अन्जान रहेंगे / 'महताब' हैदर नक़वी
- जीने का हिसाब लिख रहा हूँ / 'महताब' हैदर नक़वी
- ये दस्त और न घर रास आ रहा है मुझे / 'महताब' हैदर नक़वी
- उसकी यादों में दिन गुज़र जायें / 'महताब' हैदर नक़वी
- न कोई साया, न सूरत उदास रहता हूँ / 'महताब' हैदर नक़वी
- किसी को क्या पड़ी है ये ज़रूरत किसको होती है / 'महताब' हैदर नक़वी
- वो देखो शाम फिर से आ रही है / 'महताब' हैदर नक़वी
- कुछ दिन मेरी आँखों में ये तूफ़ान रहेगा / 'महताब' हैदर नक़वी
- न तुझसे न दिल-ए-ज़ार से उलझता हूँ / 'महताब' हैदर नक़वी
- जब से तेरे बदन के गुलाब आस-पास हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- वो बस्तियाँ, वो बाम, वो दर कितनी दूर हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- हज़ारो जुल्म हम सहते रहेंगे / 'महताब' हैदर नक़वी
- गली-कूचे, मोहल्ले, शहर वीराँ होते रहते हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- होने को मेरी जान यहाँ क्या नहीं हुआ / 'महताब' हैदर नक़वी
- मतलब के लिये हैं न मानी के लिये हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- गई दिल से यूँ बेक़रारी गई / 'महताब' हैदर नक़वी
- उसकी पेशानी पे बोसों के भरम बढ़ते रहे / 'महताब' हैदर नक़वी
- हमें तुझसे मोहब्बत है हमें दुनिया से यारी है / 'महताब' हैदर नक़वी
- आँख को उस सम्त के मंज़र नज़र आयेंगे क्या / 'महताब' हैदर नक़वी
- हर सूरत पहचानी-सी / 'महताब' हैदर नक़वी
- दयार-ए-शौक़ वहशत का अब समाँ नहीं होगा / 'महताब' हैदर नक़वी
- तुमने भी मेरी जान भला कब किया है इश्क़ / 'महताब' हैदर नक़वी
- पहले आहट का साया महसूस किया था साँसों ने / 'महताब' हैदर नक़वी
- अकेले ही हमें दुनिया के हर मंज़र में रहना है / 'महताब' हैदर नक़वी
- गर तुझसे मुझे इतनी मोहब्बत नहीं होती / 'महताब' हैदर नक़वी
- बन्द दरों को दस्तक दें, कुछ लोग बुलायें / 'महताब' हैदर नक़वी
- अपनी वहशत का कुछ अंदाज़ा लगाया जाए / 'महताब' हैदर नक़वी
- हज़ारों ज़ुल्म हम सहते रहेंगे / 'महताब' हैदर नक़वी
- तेरे जमाल में गुम हैं, तेरे ख़याल में गुम / 'महताब' हैदर नक़वी
- मेहरबाँ आज मुझ पर हुआ कौन है / 'महताब' हैदर नक़वी
- आओ ये ख़ामोशी तोड़ें आईने से बात करें / 'महताब' हैदर नक़वी
- अभी रूसवाइयों का इक बड़ा बाजार आएगा / 'महताब' हैदर नक़वी
- अहल-ए-दुनिया देखते हैं कितनी हैरानी के साथ / 'महताब' हैदर नक़वी
- दिल तो इक शख़्स को नख़चीर बनाने में गया / 'महताब' हैदर नक़वी
- हमें तो अब के भी आई ना रास तन्हाई / 'महताब' हैदर नक़वी
- हौसला इतना अभी यार नहीं कर पाए / 'महताब' हैदर नक़वी
- किन मौसमों के यारों हम ख़्वाब देखते हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- मतलब के लिए हैं न मआनी के लिए हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- मुख़्तसर सी ज़िंदगी में कितनी नादानी करे / 'महताब' हैदर नक़वी
- नए सफ़र की लज़्ज़तों से जिस्म ओ जाँ को सर करो / 'महताब' हैदर नक़वी
- तेरा चेहरा न मेरा हुस्न-ए-नज़र है सब कुछ / 'महताब' हैदर नक़वी
- तुझ से शिकवा न कोई रंज है तन्हाई का / 'महताब' हैदर नक़वी
- उसे भुलाए हुए मुझ को इक ज़माना हुआ / 'महताब' हैदर नक़वी
- वो बस्तियाँ वो बाम वो दर कितनी दूर हैं / 'महताब' हैदर नक़वी
- यूँ हर सर चढ़ के हर इक मौज-ए-बला बोलेगी / 'महताब' हैदर नक़वी