भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हौसला इतना अभी यार नहीं कर पाये / 'महताब' हैदर नक़वी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हौसला इतना अभी यार नहीं कर पाये
ख़ुदा को रुसवा सर-ए-बाज़ार नहीं कर पाये

दिल में करते रहे दुनिया के सफ़र का सामाँ
घर की दहलीज़ मगर पार नहीं कर पाये

हम किसी और के होने की नफ़ी क्या करते
अपने होने पे जब इसरार नहीं कर पाये

साअत-ए-वस्ल तो क़ाबू में नहीं थी लेकिन
हिज्र की शब का दीदार नहीं कर पाये

ये तो आराइश-ए-महफिल के लिये था वरना
इल्म-ओ-दानिश का हम इज़हार नहीं कर पाये