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यही है अगला मसीहा / सुनो तथागत / कुमार रवींद्र
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सुनो!
यह जो आदमी है, यही है अगला मसीहा
आज यह चुप है
मगर कल प्रश्न पूछेगा सभी से
त्योरियाँ इसकी तनी हैं
देख लो, भाई, अभी से
लोग तब
इसको कहेंगे - आ गया पगला मसीहा
आज इसके साथ हैं
कल वही रस्ते में रुकेंगे
नये शाहों के महल में
वही कोर्निश में झुकेंगे
महल में होगा
मगर यह रहेगा कँगला मसीहा
इस मसीहे की कथा
पहले भी दोहराई गई है
दूर से दिखती पहाड़ी
हो रही फिर सुरमई है
लोग पूजेंगे
उसी को, जो रहा बगला मसीहा