भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

युद्ध जो आ रहा है / बैर्तोल्त ब्रेष्त / मोहन थपलियाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

युद्ध
जो आ रहा है
पहला युद्ध नहीं है ।
इसे पहले भी युद्ध हुए थे ।

पिछला युद्ध
जब खत्म हुआ
तब कुछ विजेता बने
और कुछ विजित

विजितों के बीच
आम आदमी भूखों मरा
विजेताओं के बीच भी
मरा वह भूखा ही ।

(1936-38)

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : मोहन थपलियाल