भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
युवा कवियों से / निकानोर पार्रा / उज्ज्वल भट्टाचार्य
Kavita Kosh से
लिखो, जैसा तुम चाहते हो ।
किसी भी शैली में, जो तुम्हें पसन्द हो ।
पुल के नीचे से
काफ़ी ख़ून बह चुका
इस यक़ीन के चलते
कि एक ही रास्ता सही है ।
कविता में
सब कुछ जायज़ है ।
लेकिन
उसकी भी एक शर्त है,
तुम्हें ख़ाली पन्ने को बेहतर बनाना है ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य