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यूँ अचानक हुक्म आया लॉकडाउन हो गया / डी. एम. मिश्र
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यूँ अचानक हुक्म आया लॉकडाउन हो गया
यार से मिल भी न पाया लॉकडाउन हो गया
बंद पिंजरे में किसी मजबूर पंछी की तरह
दिल हमारा फड़फड़ाया लॉकडाउन हो गया
घर के बाहर है कोरोना, घर के भीतर भूख है
मौत का कैसा ये साया लॉकडाउन हो गया
गांव से लेकर शहर तक हर सड़क वीरान है
किसने ये दिन है दिखाया लॉकडाउन हो गया
किसकी ये शैतानी माया, किसने ये साजिश रची
किसने है ये जुल्म ढाया लॉकडाउन हो गया ?
ज्यों सुना टीवी पे कोरोना से फिर इतने मरे
झट से दरवाजा सटाया लॉकडाउन हो गया
कल लगाता था गले अब छू नहीं सकता उन्हें
मुश्किलों का दौर आया लॉकडाउन हो गया