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ये जिस्म ‚ ये लिबास यहीं छोड़ जाऊंगा / अजय अज्ञात
Kavita Kosh से
ये ज़िस्म ये लिबास यहीं छोड़ जाऊंगा
जो कुछ है मेरे पास यहीं छोड़ जाऊंगा
जब जाऊंगा तो कोई न जायेगा मेरे साथ
सब लोगों को उदास यहीं छोड़ जाऊंगा
भरभर के जाम जिन में पिये उम्रभर वही
खुशियों भरे गिलास यहीं छोड़ जाऊंगा
जाऊंगा मुस्कुराते हुए इस जहान् से
कड़वाहटें खटास यहीं छोड़ जाऊंगा
पढ़ लेना मेरे शे'र तुम्हें याद आऊं जब
ग़ज़लें तुम्हारे पास यहीं छोड़ जाऊंगा