Last modified on 19 नवम्बर 2011, at 03:10

ये माना खूबसूरत आईना हूँ / मनु भारद्वाज

ये माना खूबसूरत आईना हूँ
मगर पत्थर से क्यूँ तोड़ा गया हूँ

किसी उजड़े चमन का हूँ नज़ारा
किसी टूटे हुए दिल की सदा हूँ

मेरी नाकामियां, मेरा मुक़द्दर
यही मुद्दत से सुनता आ रहा हूँ

तुम्हारी याद अब आती नहीं है
और ऐसा भी नहीं भूला हुआ हूँ

मुझे मालूम है तुम बेवफ़ा हो
तुम्हे लगता है मै भी बेवफ़ा हूँ

धड़कने लगता है दिल और ज़ियादा
'मनु' जब भी मै उनको देखता हूँ