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रहन-सहन के गीत / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
- देसां मैं देस हरियाणा / हरियाणवी
- उजला भोजन गाए धन / हरियाणवी
- मीठी लागै बाजरे की राबड़ी रै / हरियाणवी
- जाड़ा लागै पाला लागै खीचड़ी निवाई / हरियाणवी
- बाजरा कह मैं बड़ा अलबेल्ला / हरियाणवी
- आध पाव बाजरा कूट्टण बैठी / हरियाणवी
- म्हारो मीठो लागै खीचड़ो / हरियाणवी
- बाजरे की रोटी पोई रै हलिड़ा / हरियाणवी
- काला दाम्मन चक्कर काटै / हरियाणवी
- सास री भार्या सा दामण सिमा / हरियाणवी
- दिल्ली की दलाली / हरियाणवी
- इब की छोरी न्यूं बतलाई / हरियाणवी
- नाई के रे नाई के ल्याइए कमला नैं / हरियाणवी
- सुण कमला गोरी भाण हे बेबे / हरियाणवी