रामाज्ञा प्रश्न / पंचम सर्ग / सप्तक ४ / तुलसीदास
सुर सिरोमनि साहसी सुमति समीर कुमार।
सुमिरत सब सुख संपदा मुद मंगल दातार॥१॥
शूरशिरोमणि, साहसी, बुद्धिमान् श्रीपवनकुमार स्मरण किये जानेपर सब प्रकारके सुख, सम्पत्ति और आनन्दमंगलके देनेवाले हैं॥१॥
(प्रश्नै- फल श्रेष्ठ है।)
सत्रुसमन पदपंकरुह सुमिरि करहु सब काज।
कुसल खेम कल्यान सुभ सगुन सुमंगल साज॥२॥
शत्रुघ्नजीके चरण-कमलोंका स्मरण करके सब कार्य करो। कुशल-क्षेम रहेगा, कल्याण होगा। यह शुभ शकुन सुन्दर मंगलका सृष्टि करनेवाला है॥२॥
भरत भलाई की अवधि, सील सनेह निधान।
धरम भगति भायप समय, सगुन कहब कल्यान॥३॥
श्रीभरतलालजी अच्छाईकी सीमा, शील और स्नेहके निधान, धर्मात्मा, भ्रातृभावसे भक्ति करनेवाले हैं। इस समयका शकुन कल्याण सूचित करता है॥३॥
सेवकपाल कृपाल चित रबि कुल कैरव चंद।
सुमिरि करहु सब काज सुभ, पग पग परमानंद॥४॥
सेवकोंकी रक्षा करनेवाले, दयालुहृदय, सूर्यवंशरूपी कुमुदिनीके लिये (आह्लादकरी) चन्द्रमाके समान श्रीरघुनाथजीका स्मरण करके सब काम करो। परिणाममें शुभ होगा, पद पदपर (सदा) परम आनन्द होगा॥४॥
सिय पद सुमिरि सुतीय हित सगुन सुमंगल जानु।
स्वामि सोहागिल भाग बड़ पुत्र काजु कल्यानु॥५॥
उत्तम स्त्रियोंके लिये श्रीजानकीजेके चरणोंका स्मरणरूपी शकुन परम मंगलकारी समझो। स्वामीका सौभाग्य प्राप्त होगा (सौभाग्यवती रहेंगी) बडा़ (उत्तम) भाग्य हैं, पुत्र-प्राप्ति होगी तथा कल्याण होगा॥५॥
लछिमन पद पंकज सुमिरि, सगुन सुमंगल पाइ।
जय बिभूति कीरति कुसल अभिमत लाभु अघाइ॥६॥
श्रीलक्ष्मणजीके चरण - कमलोंका स्मरण करो। यह परम मंगलकारी शकुन पा लेनेपर विजय, ऐश्वर्य, कीर्ति, कुशल तथा अभीष्टप्राप्ति भरपूर होगी॥६॥
तुलसी कानन कमल बन, सकल सुमंगल बास।
राम भगत हित सगुन सुभ, सुमिरत तुलसीदास॥७॥
तुलसीदसजी कहते हैं कि तुलसीका वन अथवा कमलवन समस्त उत्तम कल्याणोंका निवास है, उसका स्मरण करना श्रीरामभक्तके लिये शुभ शकुन है॥७॥