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लाना नया बिहान हे / जयराम दरवेशपुरी
Kavita Kosh से
सीना तान खड़ा चउगिरदी
चोर आउ बेइमान हे
कने नुकइवा मंगरू काका
लूट रहल घउदा के घउदा
घुज्ज अन्हरिया लजा रहल हे
अखनी सूरज चान के
मानवता के मूल मंत्र सब
भारी लंगम् तंगम्
चोरी घुसखोरी बेइमानी
आज त्रिवेणी के संगम
तइरे डुबकी मारइ में
कुकरमी सभे महान हे
घर से लेके छिदली तक सब
एक्के राज अलापऽ हे
के काला धन कत्ते लुटला
दिल दिमाग में नापऽ हे
स्वारथ के सरगम पर पंचम
सुर में अजगुत तान हे
सुत्तऽ हा की उट्ठऽ भइया
हहियाहा के हाही हो
कान में करूआ तेल देले हा
सगेर मचल तबाही हो
हाथ से हाथ मिलावऽ भइया
लाना नया विहान हे।