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वह जो अजन्मा है / शरद कोकास

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कौन जानता है
कब निकलें दूध के दाँत
कब चले घुटने-घुटने
कब तुतलाये ज़बान
मांगे अपने हिस्से का दूध
बढ़ते बढ़ते क़द
पहुँच जाए पिता के कन्धों तक

कौन जानता है, कब भीगने लगे मसें
उभरने लगें बाँहों की मछलियाँ
बदलने लगे चाल, भारी होने लगे आवाज़
वह टाले आपके सवाल
नज़र अन्दाज़ करे समझाईश भरी बातें
लगाए ठहाका

कौन जानता है
रात रात भर वह रहे ग़ायब
हाथों में किताबों की जगह
आ जाए बन्दूक

सवाल उस बच्चे के बारे में है
जिसने जन्म लिया है अभी-अभी।

-1994