भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
कोई उस फ़ितनए दौराँ<ref>ज़माने का उपद्रवी</ref> से कहो इश्क़ अल्लाह ।।
यारो देखो जो कहीं उस गुले खन्दाँ<ref>फूल की मुस्कान</ref> का ज़माल<ref>्सौन्दर्यसौन्दर्य, ख़ूबसूरती</ref> ।
तो मेरे दीदए गिरयाँ<ref>बहुमूल्य आँखें</ref> से कहो इश्क़ अल्लाह ।।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,747
edits