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मेरे गीतों मेरी ग़ज़लों को रवानी दे दे
तू मेरी सोच को एहसास का पानी दे दे
मुद्दतों तरसा हूँ मैं तुझसे मैं बिछड़ा हूँ महब्बत मुहब्बत के लियेलिएख़वाब मैं आ के ख़्वाब में आके मुझे याद यादें पुरानी दे दे
थक गया गर्दिशे दौराँ से यह ये जीवन मेरा
मेरे रहबर मुझे मंज़िल की निशानी दे दे
तेरी आँखों में राहों बिछा रखीं रक्खी हैं पलकें मैंने अब इन मेरी आँखों को मसर्रत का तू पानी दे दे चाँद निकला तो चकोरी ने कहा रो-रो करओ मेरे चाँद कोई अपनी निशानी दे दे
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