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[[Category:ग़ज़ल]]
'''लेखन वर्ष: २००५''' <br/><br/>
जो ब-वक़्ते-मर्ग तेरी आरज़ू रहे<br/>
इससे क्या कि उम्रभर रू-ब-रू रहे<br/><br/>
गर न कही उम्रभर दिल की बात<br/>
इससे क्या कि आते-जाते गुफ़्तगू रहे<br/><br/>
मैं तुम्हें देखूँ तुम मुझे देखो मुड़-मुड़के<br/>
न तुझे सुकूँ रहे न मुझे सुकूँ रहे<br/><br/>
तुम इशारों में कहो मैं इशारों को पढूँ<br/>
दो दिलों को मोहब्बत की जुस्तजू रहे<br/><br/>
तुमने दिल मेरा आख़िरश जीत लिया<br/>
अब दिल में तेरे लिए नया जुनूँ रहे<br/><br/>
ऐसे हालात का बाइस महज़ तुम हो<br/>
इससे क्या कि निगाह में खू़ब-रू रहे<br/><br/>
<poem>'''लेखन वर्ष: २००५/२०११'' जो ब-वक़्ते-मर्ग''': <ref>मृत्यु के समय भी । '''</ref> तेरी आरज़ू रहेइससे क्या कि उम्रभर रू-ब-रू<ref>आमने-सामने</ref> रहे गर न कह सके उम्रभर दिल की बातये क्या कि आते-जाते गुफ़्तगू रहे मैं तुम्हें देखूँ तुम मुझे, मुड़-मुड़केन मुझे सुकूँ रहे, न तुझे सुकूँ रहे तुम इशारों में कहो मैं जिन्हें पढूँदो दिलों को इश्क़ की जुस्तजू रहे तुमने दिल मेरा आख़िरश''': <ref>अंतत: । '''</ref> जीत लियाअब दिल में तेरे लिए नया जुनूँ रहे इस हालात का बाइस''': <ref>कारण । '''ख़ूब</ref> महज़ तुम होइससे क्या कि निगाह में खू़ब-रू''': <ref>ख़ूबसूरत चेहरे''</ref> रहे {{KKMeaning}} </poem>