भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: <poem>उसने बताया वह तो बस माँ हैं किसी वाद ,दर्शन या राजनीति से उसका कु…
<poem>उसने बताया
वह तो बस माँ हैं
किसी वाद ,दर्शन या राजनीति से
उसका कुछ वास्ता नहीं
पर चश्मदीद गवाहों ने देखा था
वह सबको बराबर बराबर बाँट रही थी </poem>
वह तो बस माँ हैं
किसी वाद ,दर्शन या राजनीति से
उसका कुछ वास्ता नहीं
पर चश्मदीद गवाहों ने देखा था
वह सबको बराबर बराबर बाँट रही थी </poem>