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पता नहीं कि उन्हें कौन-सी रंगत हो पसंद!
हजारों हज़ारों रंग से घर अपना हम जलाया किये
नज़र से दूर भी जाकर हैं उनके पास बहुत
गुलाब प्यार के गीतों में छिपके आया किये
<poem>
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