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Kavita Kosh से
मुझे देखते रहे जो बड़ी बेरुख़ी से पहले
मेरे नाम पर हैं रोते, वही अब सभी से सभीसे पहले
मैं नहीं था फिर भी मुझको तेरा दिल पुकारता था