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जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि -सा रीते
दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
सोच न हारे-जीते
नव नव धुन जागे जीवन क्षण-क्षण में
नित नव राग उठे जीवन में
गीतों मे सज दूँ जो मन में
जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि -सा रीते
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