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सच या सजा / वत्सला पाण्डे

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{{KKRachna
|रचनाकार=वत्सला पाण्डे
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}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>सब कुछ
गढ़ने के बाद
रह जाता
कुछ अनगढ़

कहां थी पूर्णता
रह जाता है
अपूर्ण

यह अधूरापन
सच है
या तुमसे
विलग होने की
सजा है
</poem>
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