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Kavita Kosh से
तेरा ग़म जब मिला मैंने कलेजे से लगाया है
जहाँ देखो, वहीँ वहीं बस खौफ है और खौफ की बातें
मै जिससे डर रहा हूँ वो तो बस मेरा ही साया है