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कामयाबी के भरोसे गिन रहा हूँ
आसमाँ के सब सितारे गिन रहा हूँ
कामयाबी पावं से अपने मसल कर फ़ूल को अबघाव तलवों के भरोसे गिन रहा हूंआसमां के सब सितारे मैं ,अपने गिन रहा हूंहूँ
पावं से अपने मसल कर फ़ूल को अब घाव तलवों के मैं ,अपने गिन रहा हूं वो गवाही गवाही देगा मेरे पक्ष में हीऔर भी अहसां अहसाँ हैं उसके गिन रहा हूंहूँ
फ़ासला है दरमियाँ में बेरुखी का
मैं तुम्हारे सब इशारे गिन रहा हूंहूँ
भीड़ में "आज़र" कहां कहाँ गुम हो गए होलौटने के दिन तुम्हारे गिन रहा हूंहूँ
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