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Kavita Kosh से
निदा फाजली साहब के दोहे
मैं रोया परदेस में भीगा मान माँ का प्यार !
दुःख ने दुःख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार !!
आँखों भर आकाश है बाँहों भर संसार !!
सबकी पूजा एक सी अलग-अलग हर रीत !
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गए गीत !!