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Kavita Kosh से
नागफनियों ने
विषैली हरकतें की
तक्षकों ने पाँव दोनो दोनों दंश डाला ।
रक्षकों ने
खंजरों को घोप सीने मालिकों के,
उँगलियों से
बाद में फिर सांत्वना का अर्क डाला ।