भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक शे’र / अमजद हैदराबादी

8 bytes added, 15:41, 22 मार्च 2012
|रचनाकार= अमजद हैदराबादी
}}
{{KKCatKavita}}[[Category: शेर]]
<poem>
किस शान से ‘मैं’ कहता हूँ, अल्लाह रे मैं।
समझा नहीं ‘मैं’ को आज तक वाह रे मैं॥
</Poem>
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits