भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'''मकबूल फ़िदा हुसैन को समर्पित'''
इक्ट्ठे इकट्ठे हो रहे हैं सपने
धरती के सारे रंग-रोगन
तूलिका-कैनवास, फ़्रेम-अकृतियाँ
हुसैन के
इक्ट्ठे इकट्ठे हो रहे हैं
धरती के अश्व सारे
गणपति-सरस्वती
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,340
edits