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आम / पंकज चतुर्वेदी

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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पंकज चतुर्वेदी}} <poem> रसाल है रामचर...' के साथ नया पन्ना बनाया
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रसाल है रामचरित
और रसाल है
अवधी में उसका विन्यास
भक्ति का रस
और काव्य का रस
जानने में
शायद इससे भी मदद मिले
कि कौन-सा आम
खाते थे तुलसीदास
</poem>
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