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'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह=गीत-वृंदा...' के साथ नया पन्ना बनाया
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{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=गीत-वृंदावन / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[Category:गीत]]
<poem>
'कोई राधा से कह देता
उसके लिए विकल है अब भी गीता-शास्त्र-प्रणेता
'यद्यपि योगेश्वर कहलाता
मैं सुख-दुःख में सम रह जाता
किन्तु ध्यान जब उसका आता
चुपके से रो लेता
'साथ रुक्मणि के भी रहकर
उसे न भूल सका मैं पल भर
आता हूँ नित यमुना-तट पर
मन की नौका खेता'
'कोई राधा से कह देता
उसके लिए विकल है अब भी गीता-शास्त्र-प्रणेता
<poem>
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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=गीत-वृंदावन / गुलाब खंडेलवाल
}}
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<poem>
'कोई राधा से कह देता
उसके लिए विकल है अब भी गीता-शास्त्र-प्रणेता
'यद्यपि योगेश्वर कहलाता
मैं सुख-दुःख में सम रह जाता
किन्तु ध्यान जब उसका आता
चुपके से रो लेता
'साथ रुक्मणि के भी रहकर
उसे न भूल सका मैं पल भर
आता हूँ नित यमुना-तट पर
मन की नौका खेता'
'कोई राधा से कह देता
उसके लिए विकल है अब भी गीता-शास्त्र-प्रणेता
<poem>