भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह=तिलक करें ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=तिलक करें रघुवीर / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[Category:गीत]]
<poem>

बरसो, हे करुणा के जलधर !
मुझे बहा ले चलो, नाथ ! आनंद-सिन्धु के तट पर !

मेरे मन-प्राणों पर प्रतिक्षण
बरसो सावन की फुहार बन
धन्य बने, प्रभु ! मानव-जीवन
कृपा तुम्हारी पाकर

देखूँ झाँकी वृन्दावन की
राधा-माधव-प्रीति मिलन की
मैंने जो छवि युगल वरण की
गीतों में हो भास्वर

बरसो यों ! मेरे अंतर से
फूट चले स्वर के निर्झर-से
अक्षर-अक्षर से रस बरसे
रुके न धारा पल भर

बरसो, हे करुणा के जलधर !
मुझे बहा ले चलो, नाथ ! आनंद-सिन्धु के तट पर !
<poem>
2,913
edits